Sunday, April 20, 2014

पुरातन ग्रंथों में प्रबंधन एवं योग्यता

पुरातन ग्रंथों में प्रबंधन एवं योग्यता 

पुरातन ग्रंथों में प्रबन्धन एवं योग्यता के सम्बन्ध में विवरण अंकित हैं । शुक्राचार्य निति में कहा है कि -

अमंत्रं अक्षरं नास्ति , नास्ति मूलं अनौषधं ।
अयोग्यः पुरुषः नास्ति, योजकः तत्र दुर्लभ: ॥
— शुक्राचार्य

अर्थात - कोई अक्षर ऐसा नही है जिससे (कोई) मन्त्र न शुरु होता हो , कोई ऐसा मूल (जड़) नही है , जिससे कोई औषधि न बनती हो और कोई भी आदमी अयोग्य नही होता , उसको काम मे लेने वाले (मैनेजर) ही दुर्लभ हैं ।

इसी प्रकार पंचतंत्र में कहा है -

कोऽतिभारः समर्थानामं , किं दूरं व्यवसायिनाम् ।
को विदेशः सविद्यानां , कः परः प्रियवादिनाम् ॥
— पंचतंत्र

अर्थात - जो समर्थ हैं उनके लिये अति भार क्या है ? व्यवस्सयियों के लिये दूर क्या है?
विद्वानों के लिये विदेश क्या है? प्रिय बोलने वालों के लिये कौन पराया है ?

Thursday, April 3, 2014

शिवाबावणी

 नित्य प्रातः स्मरणीय हिन्दू शिरमौर छत्रपत्ति शिवाजी महाराज को उनकी पुण्यतिथि पर शत - शत हार्दिक नमन


शिवाबावणी

छत्रपति शिवाजी महाराज की जय 

भारतीय मित्रों ! 
सर्वप्रथम नित्य प्रातः स्मरणीय हिन्दू शिरमौर छत्रपत्ति शिवाजी महाराज को उनकी पुण्यतिथि पर शत - शत हार्दिक नमन और श्रद्धांजलि !!!

नित्य प्रातः स्मरणीय छत्रपति शिवाजी माहराज की प्रशंसा में प्रख्यात कवि भूषण ने एक कविता लिखी थी ,परन्तु अंग्रेजों का आजीवन वेतन भोगी सिपाही मोहनदास करमचंद गाँधी ने महात्मा पद की आकांक्षा में इस्लाम के अनुयायियों और छद्म धर्मनिरपेक्ष वादियों को खुश करने के शिवाजी महाराज की प्रशंसा में गाई गई भूषण कवि की बावन छंदों में गाई गई शिवाबावणी नामक कविता को अंग्रजों से मिलकर प्रत्तिबंधित करवा दिया था . अमर शहीद हुतात्मा नाथूराम गोडसे की " गांधी बध क्यों ?" नामक ग्रन्थ में भी इस बात का उल्लेख है जिसे भारत , भारतीय और भारतीयता के रक्षक सर्वश्री नाथूराम गोडसे ने न्यायालय में अपने वयान में दर्ज कराया था . शिवाबावणी की कुछ पंक्तियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत है -

कुंभकर्ण असुर अवतारी औरंगजेब ,
 काशी प्रयाग में दुहाई फेरी रब की . 
 तोड़ डाले देवी देव शहर मुहल्लो के . 
लाखों मुसलमान किये माला तोडी सब की,
भूषण भणत भाग्यो काशीपति विश्वनाथ. 
और कौन गिनती में भूली गति सब की .
काशी कर्बला होती मथुरा मदीना होती .
शिवाजी ना होते तो सुन्नत सब की होती . . . . . . . . . . 

 मोहन दास करमचंद गांधी ने शिवाबावणी जैसी ऐतिहासिक और साहित्यक रचना पर भी प्रतिबंधित लगवा दिया था .

भारत , भारतीय और भारतीयता के कट्टर समर्थक सनातनी हिंदुओं के सिरमौर नमो अर्थात नरेंद्र मोदी अशोक "प्रवृद्ध"



भारत , भारतीय और भारतीयता के कट्टर समर्थक सनातनी हिंदुओं के सिरमौर नमो अर्थात नरेंद्र मोदी 
अशोक "प्रवृद्ध"

 कभी - कभी ऐसा होता है कि व्यक्ति मुद्दों से भी बड़ा बन जाता है l यह भी सर्वसिद्ध तथ्य और सत्य वचन है कि कोई भी व्यक्ति कुछ काल - खंड तक ही ताकतवर बना रहता है और तत्पश्चात उसमे क्षरण आ ही जाता है अर्थात जो ऊपर शिखर पर चढ़ता है वह वापस नीचे गिरता ही है , परन्तु उसका व्यक्तित्व दुसरो के लिए हमेशा प्रेरणा- स्त्रोत और उस व्यक्ति के लिए उसका व्यक्तित्व एक इतिहास बन जाता है l कुछ इसी प्रकार का विशेष विलक्षण  व्यक्तित्व लेकर वर्तमान में भारतवर्ष के राजनितिक क्षितिज पर ध्रुवतारे की भान्ति चमक रहे हैं भारत , भारतीय और भारतीयता के कट्टर समर्थक सनातनी हिंदुओं के सिरमौर नमो अर्थात नरेंद्र मोदी और सर्व आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू जन तथा भारत , भारतीय और भारतीयता के समर्थक बहुसंख्यक भारतीय समाज गाने लगा है -नमो नमो जय नमो नमो l


निश्चित रूप से नरेंद्र भाई मोदी जो वर्तमान में भारतवर्ष के सर्वाधिक लोकप्रिय , चर्चित व्यक्तित्व और भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमत्री पद के उम्मीदवार हैं , वे आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दी ( हिंदुत्व) , हिन्दी और हिंदुस्तान के प्रहरियो के लिए, भारत , भारतीय और भारतीयता का समर्थकों के लिए एक जिन्दा मिशाल बन गए हैं l  एक अकेला ऐसा शख्स जो अकेले ही सिर्फ अपने दम पर हिन्दू (हिंदुत्व) , हिन्दी व हिंदुस्तान के विरोधियो के समक्ष न केवल डटा रहा है , बल्कि मुहं तोड़ जवाब भी देता रहा है l यह एक शख्स जिसने भारतीय इतिहास के अब तक के सबसे बड़ी दुरभिसंधि हिन्दू (हिंदुत्व) ,हिन्दी और हिन्दुस्तान  के दुश्मनों खान्ग्रेस अर्थात कांग्रेस और वामपंथियो के सत्ता में रहते विरोध की ण केवल परकाष्ठा देखी और सहन की है वरण उसका एक वीर की भांति सामने से मुकाबला भी किया है l यह मुकाबला किसी भी तरह छत्रपति शिवाजी और राणा सांगा से कम न था और आज भी यह सनातनी हिन्दू वीर अपनी उर्जा, शक्ति, ओज से भारत , भारतीय व भारतीयता और हिन्दू , हिन्दी और हिन्दुस्तान विरोधी शक्तियों के सामने एक चट्टान की भांति खड़ा है l जिस पर हर भारतीय और हिन्दू को गर्व हो सकता है l नरेंद्र भाई मोदी हमेशा भारतीय राजनीति में एक ध्रुव तारे की तरह चमकते रहेंगे और भावी पीढ़ी , आने वाली नस्लों के लिए भी प्रेरणा के स्रोत होंगे l 

इसमें कतई अत्तिश्योक्त्ती नहीं कि भारत देश अपने परम वैभव के उत्तुंग शिखर पर खड़ा होगा जब देश की सर्वोच्च सत्ता पर श्री नरेंदर भाई मोदी जी जैसा कोई प्रखर राष्ट्रवादी और प्रतापी सत्तासीन होगा l नरेंदर भाई देश की सबसे बड़ी आर्य सनातन वैदिक धर्मालम्बी हिन्दू द्रोही शक्ति चर्च और इस्लामिक शक्तियों की अधिष्ठात्री देवी रोमकन्या श्री मति सोनिया गाँधी और उसकी दुर्जन संचार ताकतों के सामने एक नहीं वरण दस वर्ष से न केवल खड़ा बल्कि इन शक्तिओ को बार - बार अपने स्वयं के पुरूष से धुलधूसरित किया और अह्साहस कराया है कि क्यूँ लोग कहेते है कि -
"यूनान मिश्र रोमा मिट गए जहाँ से हस्ती है हमारी मिटती नहीं जहाँ  से"
भारतवर्ष को गर्व है श्री नरेंदर भाई मोदी जी पर l

नमो नमो जय नमो नमो !!! 

Wednesday, April 2, 2014

क्षमा करेंगे ! विलम्ब से ही सही परन्तु स्वीकार करें - आप सभी भारतीयों को नववर्ष प्रत्तिपदा विक्रम सम्बत २०७१ की पावन पवित्र अवसर पर शत - शत प्रणाम और मंगलमय शुभ कामनाएं !


क्षमा करेंगे ! विलम्ब से ही सही परन्तु स्वीकार करें ! आप सभी भारतीयों को नववर्ष प्रत्तिपदा विक्रम सम्बत २०७१ की पावन पवित्र अवसर पर शत - शत प्रणाम और मंगलमय शुभ कामनाएं !

नववर्ष प्रत्तिपदा विक्रम सम्बत २०७१ की पावन पवित्र अवसर पर शत - शत प्रणाम और मंगलमय शुभ कामनाएं !
छद्म स्वाधीन भारतवर्ष में प्रथम बार सम्पूर्ण भारतवर्ष में वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र भाई मोदी अर्थात नमो ने  सनातन सांस्कृतिक - सामाजिक परिवर्तन का शंखनाद फूंक दिया है , एक श्रेष्ठ भारत के निर्माण के लिए क्रांति का बिगुल बजा ही दिया. नमो उर्फ नरेंद्र मोदी देश की सदियों की परतंत्रता से उपजी गरीबी, ग़ुरबत, अन्याय से त्रस्त, पीड़ित आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू भारत की अभिव्यक्ति के नायक बनकर उभरे है. वर्तमान में जिस सहजता से देश की जनता को उन्होंने आंदोलित किया है उनकी बातो को स्वर दिए है, नमो  को उसके लिए इस नववर्ष प्रत्तिपदा विक्रम सम्बत २०७१ की पावन पवित्र अवसर पर शत - शत प्रणाम और मंगलमय शुभ कामनाएं , न केवल उनको बल्कि जो संगठन और नाम - अनाम चेहरे इस नमो आन्दोलन के संचालक, आयोजक, संयोजक और भागीदार बने है उनको भी इस शुभ मंगल बेला में कोटि कोटि हार्दिक अभिनन्दन और बधाई . उन भामाशाह को भी जिन्होंने सार्थक कार्य के लिए अपना योगदान दिया. उन लाखो ब्लोगर , फेसबुकिया, ट्विटरिया और इन्टरनेट पर दिन -रात लगे लोग जो इसके समर्थन में अपनी भावनायें  व्यक्त कर रहे है और जो इसका समर्थन कर रहे है उनको भी शत - शत प्रणाम. कोटि -कोटि प्रणाम उन सभी विद्वानों को जो तर्कों से इस सांस्कृतिक - सामाजिक क्रांति और आन्दोलन का समर्थन कर रहे है, अभिनन्दन उस अंतर्जालीय सामुदायिक मीडिया को भी जो इस राष्ट्रवादी अन्दोलंद की प्रचंडता को सार्थक बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहा है.

क्यूँ उन लोगो का मरना हमेशा संदेह का कारण रहा जो प्रखर भारतवर्ष और मजबूत हिन्दू की बात करते है , जो भारत , भारतीय और भारतीयता के कट्टर समर्थक होते हैं ? अशोक "प्रवृद्ध"


वन्दे भारतमात्तरम !!!


क्यूँ उन लोगो का मरना हमेशा संदेह का कारण रहा जो प्रखर भारतवर्ष और मजबूत हिन्दू की बात करते है , जो भारत , भारतीय और भारतीयता के कट्टर समर्थक होते हैं ? 
अशोक "प्रवृद्ध"

वर्तमान में आज भी आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू समाज साजिशो का शिकार है l यही कारण है कि  भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार में भी आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी  हिन्दू समाज का उद्दार नहीं हुआ l मित्रो ! आखिर क्या कारण है कि सुश्री उमा भारती हो, साध्वी प्रज्ञा जी हो , बाबा रामदेव हों , आसाराम बापू हों ,स्व. राजीव दीक्षित जी हो, गोविन्द्चार्य जी हो सभी आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू समाज के पटल पर होने के बाद अर्थात समाज के पटल पर आने के पश्चात यकायक साजिशो के शिकार क्यूँ हो जाते है? आज भी यह पता नहीं कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी कैसे मरे, दीन दयाल उपाध्याय कैसे मरे, लाल बहादुर शास्त्री  कैसे मरे, सुभाष चन्द्र बोस कैसे मरे ? क्यूँ उन लोगो का मरना हमेशा संदेह का कारण रहा जो प्रखर भारतवर्ष और मजबूत हिन्दू की बात करते है , जो भारत , भारतीय और भारतीयता के कट्टर समर्थक होते हैं ? भारतीय मित्रों ! इन ऐतिहासिक तथ्यों को कतई झुठलाया नहीं जा सकता l इन ऐतिहासिक तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में आज भी आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू और गौरवमयी भारतवर्ष के हिन्दू शूरवीरों के लिए षड्यंत्र कम नहीं हुए है l अब यह स्वयंसिद्ध हो चुका है कि आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू प्रखरता की बात चाहे कोई हिन्दू उठाये हमेशा ही संदेहास्पद स्थिति में उनके साथ अन्याय हुआ है l छद्म स्वाधीन भारतवर्ष में अधिकाँश समय तक इस देश पर राज करने वाली प्रमुख शक्ति नहीं चाहती कि आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी  हिन्दू आत्मसम्मान के साथ भारतवर्ष को प्रगति के रास्ते पर ले जाये l वह हमेशा से एक लुंज -  पुंज शासन - व्यवस्था भारतवर्ष में चाहती है l वह भारतवर्ष में स्वराज्य स्थापित होते अर्थात भारत , भारतीय और भारतीयता के कट्टर समर्थकों का राज्य स्थापित होते नहीं देखना चाहती l वह आधी - अधूरी प्रगति ही भारतवर्ष  को देना चाहती है l वह शक्ति भीख में अर्थात अनुदान में विकास दर देना चाहती है और संसार में आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू को आत्मनिर्भर नहीं होने देना चाहती और समय  - समय पर आर्य सनातन वैदिक धर्मावलम्बी हिन्दू समाज, हिन्दू जाति ,हिन्दू वीर, हिन्दू शक्ति को खंड - खंड करती रहती है l इसलिए ऐसी राष्ट्रविरोधी शक्ति से निजात पाने के लिए , इस समस्या के समाधान के लिए अर्थात स्वराज्य संस्थापनार्थ भारत , भारतीय और भारतीयता के कट्टर समर्थक राजनीतिक पार्टी और प्रत्याशियों को अपना मत देकर विधर्मी , विदेशी और विदेशी मानसिकता के लोगों की पार्टी और लोगों को सत्ता से निकाल कांग्रेस मुक्त भारतवर्ष निर्माण में सहभागी बनें l


वन्दे भारतमात्तरम !!!

अधिसूचना जारी होने के साथ देश में आदर्श चुनाव संहिता लागू -अशोक “प्रवृद्ध”

  अधिसूचना जारी होने के साथ देश में आदर्श चुनाव संहिता लागू -अशोक “प्रवृद्ध”   जैसा कि पूर्व से ही अंदेशा था कि पूर्व चुनाव आयुक्त अनू...