ओउम्
नमस्ते ।
नमः और् 'ते की सन्धि से सुन्दर शब्दबन जाए 'नमस्ते'
सप्रेम हार्दिक "आदर" यूँ "आपके लिए" दर्शाए "नमस्ते" |
श्रद्धा से दोनो हाथ जोड़, जब किया जाता "नमस्ते" उच्चारण,
अत्यन्त शोभनीय लगता यह प्राचीनतम संस्कृति द्योतक अभिनन्दन ||
दोनों हाथ जोड़कर जब हृदय के समीप हैं लाते,
और श्रद्धा से थोड़ा शीश झुका वाणी उच्चारे "नमस्ते" |
ऐसे नम्र अभिवादन से होता स्वाभाविक ही प्रेम सत्कार प्रवाह,
और "नमस्ते" अभिवादन द्वारा परस्पर होती प्रसन्नता अथाह ||
हृदय समीप दोनो जुड़े हाथ माने जाते हैं आत्म शक्ति के प्रतीक,
भुजाएं दोनो शारीरिक बल द्योतक भरती हैं रक्षा भाव असीम |
मानसिक शक्ति द्योतक मस्तिष्क पूर्णआदर को यहाँ दर्शाएं,
इन सभी दैवी शक्तियों के संगम से ही अभिवादन "नमस्ते" कहाए ||
गुड मार्निंग, ईवनिंग, अथवा नाइट तो केवल समय बोध काराते,
हस्त-गले मिलन अथवा चुम्बन छूत रोग का भय दर्शाते |
दूर से हाई-बाई तो निरादर एवं तिरस्कार का संकेत दिखाते |
सभी दोषों से मुक्त, हर समय उपयुक्त, अभिवादन है केवल "नमस्ते" ||
छोड़ो यह हाई-बाई, गले मिलना, चुम्बन व हाथ मिलाना,
अपनाओ सर्वोत्तम "नमस्ते" जो चला आ रहा सनातन अभिनन्दन पुराना,
आदर, सत्कार, श्रद्धा, प्रेम, सभी सार्थक होते जब "नमस्ते" से
हो अभिनन्दन,
केवल "नमस्ते" अभिवादन में ही समाविष्ट इन सभी गुणों के होते हैं दर्शन ||
माता-पिता, पति-पत्नि, छोटे-बड़े अथवा हों बहन-भाई,
सेवक-स्वामी, धनी-निर्धन, मित्र, बन्धु अथवा सखा-सहाई |
सभी देश-विदेश, जाति धर्म के लोग मिलें अथवा जब करें पत्राचार,
"नमस्ते" से किया अभिवादन सबके लिए सदा "फिट" बैठै सभी प्रकार ||
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