जय जय श्रीराम |
शारदीय नवरात्रि की कोटिशः शुभ कामनाओं सहित जय जय श्रीराम भारतीय मित्रों !
वर्तमान में हमारा प्यारा देश भारतवर्ष जिस दौर से गुजर रहा है वह समय किसी भी राष्ट्र के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता। एक ओर आम जनता महंगाई, भ्रष्टाचार, भुखमरी, कुपोषण, अकाल , बाढ यही नहीं पानी, बिजली जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है वहीं केंद्र सरकार का आमजन की इन समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है , दूसरी ओर राष्ट्रवादी भारतीयों के विचारों , मन की भावनाओं का भी अनजाने में या फिर जान - बूझकर किये जा रही है , चाहे वह समाधी पर शीश झुकाकर प्रधानमंत्री पड़ का शपथ ग्रहण करना हो या फिर स्वाधीनता संग्राम में लाखों हिन्दू क्रांतिकारियों के योगदान और बलिदान को भूलकर एक आंग्ल सेना के सिपाही पाखण्डी भीरू , पाकपिता गंधी को स्वतंत्रता का श्रेय देने का जनभावना विरोधी वक्तव्य विदेश में जाकर देने का मामला हो । केंद्र की सरकार सबकुछ छोड़ सिर्फ और सिर्फ गाँधी गान करते हुए विदेशी निवेश अर्थात एफ डी आई और इसके इर्द-गिर्द काम कर रही है। आये दिन समझौते हो रहे एक के बाद एक विदेशी निवेश ने एक तरह से देश के भविष्य व खासकर युवा वर्ग को खासा प्रभावित किया है। तो दूसरी ओर देश की छवि पर भी बट्टा लगाया है कि भारतवर्ष की पूर्ववर्ती खान्ग्रेसी सरकार ने देश का कह्जना खली कर दिया है अर्थात जाते - जाते लूट कर अपना तिजोरी भरा लिया है जिसके कारण वर्मान प्रधानमंत्री को कटोरा लेकर भीख मांगने की स्थिति आ गई है । हर तरफ देश में एफ डी आई और महा एफ डी आई की बात हो रही है। चाहे वह रक्षा के क्षेत्र में हो , रेलवे के क्षेत्र में हो , बड़का शहर अर्थात मेट्रोसिटी की हो या फिर शहर या नदी को यहाँ तक कि गंगा माता की सफाई की हो फिर कोई और। पहले से इन एफ डी आईयों से त्रस्त हो चुकी जनता को न जाने आने वाले दिनों में और कौन-कौन से नये एफ डी आईयों अर्थात विदेशी निवेशों की कहानी सुनने को मिलेगी , पत्ता नहीं ।
अगर आपको पत्ता हो तो बतलायें बड़ी कृपा होगी मित्रों !!
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