आङ्ग्ल शिक्षा नीति से शिक्षित भारतीय इन्द्रियलोलुप हो मानवता को भूल रहे हैं
हमारे समाज में इन्द्रियलोलुपता इतनी व्यापक हो गई है कि उसके अधीन हम सत्य और धर्म को भूल रहे हैं भूलते जा रहे हैं। लार्ड मैकाले की आङ्ग्ल शिक्षा नीति से शिक्षित होकर हम भारतीय मानवता को भूलना सीखते रहे हैं।
आङ्ग्ल शिक्षा नीति से शिक्षित आज के भारतीय प्रातः काल उठ नहीं सकते।
भगवान को नहीं मानते।
संध्या - तर्पण नहीं करते।
कभी किसी साधू - संत , महात्मा को अपनी कमाई में से एक पैसा नहीं देते।
सम्पूर्ण जीवन अर्थोपार्जन करते अथवा नौकरी करने ,भोजन करने , और स्त्री से संसर्ग बनाये रखने के अतिरिक्त कुछ नहीं करते।
हमारे समाज में इन्द्रियलोलुपता इतनी व्यापक हो गई है कि उसके अधीन हम सत्य और धर्म को भूल रहे हैं भूलते जा रहे हैं। लार्ड मैकाले की आङ्ग्ल शिक्षा नीति से शिक्षित होकर हम भारतीय मानवता को भूलना सीखते रहे हैं।
आङ्ग्ल शिक्षा नीति से शिक्षित आज के भारतीय प्रातः काल उठ नहीं सकते।
भगवान को नहीं मानते।
संध्या - तर्पण नहीं करते।
कभी किसी साधू - संत , महात्मा को अपनी कमाई में से एक पैसा नहीं देते।
सम्पूर्ण जीवन अर्थोपार्जन करते अथवा नौकरी करने ,भोजन करने , और स्त्री से संसर्ग बनाये रखने के अतिरिक्त कुछ नहीं करते।
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